Sex Tips - 75 फीसदी मर्द 3 मिनट तक ही टिक पाते हैं
इंटरनेट और दूसरे माध्यमों से जो प्रोफेशनल पॉर्न दिखाया जाता है, वह रियल लाइफ में होने वाले सेक्स जैसा बिलकुल भी नहीं होता।
पॉर्न की वजह से कई सारे लोग अपनी सेक्स लाइफ बरबाद भी कर लेते हैं क्योंकि वह उसी तरह से सेक्स करना चाहते हैं, जैसा उन्होंने पॉर्न फिल्मों में देखा होता है।
न्यूयॉर्क की एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी कोर्नहाबर ब्राउन ने इस बारे में एक छोटी सी वीडियो फिल्म जारी की है जो बताती है कि अगर पॉर्न फिल्मों को भूल कर लोग सेक्स करें तो इसका आनंद कहीं ज्यादा होता है।
इतना ही नहीं, यह सेक्स एक अच्छे जीवन के लिए भी काफी सहायक होता है। इस वीडियो में उदाहरणों के जरिए समझाया गया है कि पॉर्न फिल्मों में रियल सेक्स नहीं होता और न ही हो सकता है।
वीडियो में बताया गया है कि जिस तरह से पॉर्न फिल्मों में जोड़ों को घंटों लगातार सेक्स करते दिखाया जाता है, असल में ऐसा नहीं होता है।
असल जिंदगी में 75 फीसद पुरुष 3 मिनट से ज्यादा नहीं टिक पाते हैं। शायद यही कारण है कि 71 फीसद महिलाएं चरमोत्कर्ष (ऑर्गेज्म) तक नहीं पहुंच पाती हैं।
अब ये दीगर बात है कि पॉर्न देखने वाले लोग असल जिंदगी में महसूस करते हैं कि उनकी सेक्स लाइफ उस फिल्म में दिखाए गए दृश्यों के मुताबिक नहीं है।
एक प्रतिष्ठित भारतीय पत्रिका में प्रकाशित स्टोरी में बताया गया है कि भारतीय महिलाओं में भी चरमोत्कर्ष तक न पहुंच पाने की समस्या है।
मुंबई में हुई एक फिल्मी पार्टी में हुई कई महिलाओं से बातचीत के आधार पर बताया गया है कि इसके लिए अकेले पुरुष जिम्मदार नहीं हैं।
महिलाएं चरमोत्कर्ष पर तब पहुंचती हैं, जब वह स्वयं से सेक्स कर रही होती हैं और इस दौरान उनका कोई पार्टनर नहीं होता है।
इतना ही नहीं, ज्यादातर महिलाएं सेक्स के दौरान चरमोत्कर्ष पर पहुंचने का अभिनय भी करती हैं।
इस स्टोरी में जितनी महिलाओं से बात की गई, उनमें से ज्यादातर का मानना था कि उनका पहला चरमोत्कर्ष किसी से सहवास के दौरान नहीं, बल्कि खुद के प्रयासों के चलते हुआ।
80 फीसद महिलाएं करती हैं चरमोत्कर्ष का अभिनय: शोध
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लंकनशायर में हुए एक शोध में पाया गया कि 80 फीसद महिलाएं चरमोत्कर्ष का अभिनय करती हैं।
असल में वह सहवास के दौरान चरमोत्कर्ष तक पहुंच ही नहीं पाती हैं।
वहीं कोलंबिया विश्वविद्यालय में हुए दूसरे शोध के मुताबिक महिलाएं चरमोत्कर्ष का अभिनय इसलिए करती हैं जिससे कि उनके पार्टनर नाराज न हा जाएं।
अमेरिका के जरनल आर्काइव ऑफ सेक्सुअल बिहेवियर में प्रकाशित इस शोध में बताया गया है कि लगभग 54 फीसद महिलाएं उत्तेजना के लिए जिम्मेदार होती हैं।
वहीं पेंसिलेवेनिया विश्वविद्यालय में पिछले महीने हुए शोध के मुताबिक महिलाएं उन्हीं पुरुषों के साथ चरमोत्कर्ष पाती हैं, जो हैंडसम होते हैं और मस्क्युलर होते हैं।